२३ मार्च को कोयना हॉस्टल में हुई आम सभा ज ने वि के इतिहास में वैचारिक विपन्नता और ज ने वि के आम छात्र के लोकतान्त्रिक अधिकारों के हनन के रूप में देखी जाएगी| कोयना की मैस हम जैसे लोगो से भरी थी| और अरविन्द अपना मत रख रहे थे| अपना वक्तव्य पूर्ण करने के बाद जब प्रश्नों के जवाब देने लगे, तब एक छात्रा ने लम्बी सूची निकाल कर सवाल पर सवाल दागने शुरू कर दिए| जिन्हें जवाब आने-ना आने की परवाह किये बगैर प्रस्तुत किया जा रहा था| और इस तरह ज ने वि के विवेकपूर्ण वातावरण की धजियाँ उडाना शुरू किया गया| बात यही समाप्त नहीं हुई| जब अरविन्द ने सूची के कुछ सवालों को छोड़कर कुछ अन्य छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देना शुरू किया, तब पुन: इन छात्रों के समूह ने शोरगुल मचाकर सभा के आचरणों को ध्वस्त कर दिया| और अपने सभी प्रश्नों के उत्तर माँगने लगे| इससे पहले की मैं अपने प्रश्नों और अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों की माँग करू, मैं आपको वह यक्ष प्रश्न बताना चाहूँगा जिसपर कुछ छात्र आपा खोकर सभा करने /होने की मर्यादा को भंग करने पर उतारू हो गए| यह प्रश्न था-
"अरविन्द जब आप ______ वर्ष में YFE के banner तले आये थे, तब आपने OBC आरक्षण के खिलाफ बोला था| क्या यह सच है?"
अब मैं ज ने वि का एक आम छात्र होने की हैसियत से छात्र समुदाय से कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ जो निम्नलिखित है-
- क्या ज ने वि समुदाय का हिस्सा होने के नाते मुझे अरविन्द से सवाल पूछने / उन्हें सुनने का अधिकार नहीं है?
- क्या हम ज ने वि समुदाय के रूप में अरविन्द जैसे नामो से इतना डर गए है की हम उन्हें कुछ बोलने ही नहीं देना चाहते?
- यदि अरविन्द OBC आरक्षण का विरोध कर भी रहे है तब भी क्या उन्हें भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई हक़ नहीं है?
- जब हम कांचा इलाही द्वारा "Pork and Beef Politics of Food Culture" के बारे में शान्ति से सुन सकते है| तब आम आदमी को त्रस्त करने वाले, रोजमर्रा के जीवन में रचे बसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सुनने में हमारी चूलें क्यों हिलती है?
- क्या हम ज ने वि के छात्र जो सार्वभौमिक बौद्धिक होने का दम्भ भरते है, अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों का सम्मान कर सकते है?
- क्या हम, हमारी विचारधारा से मेल न खाने वाली विचारधारा का सम्मान करना जानते है?
- क्या हम पहचान विलुप्त होने से भयभीत, दुसरो के अधिकारों का हनन करने वाली कुत्सित मानसिकता को हाशिये पर लाने के लिए तैयार है?
- क्या हम ज ने वि के उन्मुक्त वातावरण के काबिल है?
- या अपनी पहचान खोजने की लालसा में लगे एक पागल की तरह है जो कुछ भी हरकत कर के अपने होने का एहसास दिलाना चाहता है?
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