देश में देखकर हुंकार,
स्वच्छन्द हो गया मैं कर पुकार,
उठते विकारो से द्वंद हो गया,
उस विशाल जनसमूह को देखकर,
करबद्ध हो मैं स्तब्ध रह गया,
ज्यों कृष्ण कोई विराट रूप में,
चाटने वो सब दिशाएं, फैल गया,
इस विशिष्ट सोच को सोच कर,
दिल और द्रवित हो गया,
लगता है ज्यों भगवान से साक्षात्कार हो गया,
दिव्य सी दृष्टी हुई,
और तृप्ति भी मिली,
कैसे करू धन्यवाद मनमोहन ऐंड कंपनी को,
जो मुझे दिव्य दर्शन हो गया|
1 comment:
shabdo ka bade uchit rup se paryog kiya gaya hai, bhasa shaili ataydik bhawuk hai. upma alkar hai.
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