आग बरसी-पानी बरसा और आँधी तूफान आया,
बाबा तेरी तपस्या मे ये विघ्न मनमोहन नाम इंद्र लाया,
बाबा यह तो प्रथम चरण है,
तपस्या का तो प्रथम वरण है,
अभी तो कई चरण बचे है,
कई सोपान गढ्ने बचे है,
अगला चरण और दुष्कर होगा,
सोनिया सी अपसराए होंगी,
मदिरा का घाट लाती होंगी,
तुझको विचलित होना ना होगा,
हमारे लिए चलना होगा,
तुम सोपान के लिए चलोगे,
हम जो हो सकेगा सो करेंगे,
विश्वास हो तो आगे बढ़ना,
एक दिन जनता भी उठेगी,
लपटो मे राहुल को खींच लेगी,
जो के जीवन को ना पूछे,
वह यहाँ का पुत्र-पुत्री कैसे?
बाबा तुम फिर फिर आगे बढ़ना,
ये इंद्र कभी तो रुकेगा,
एक दिन शक्ति क्षीण होगी,
सत्ता का मद चूर होगा,
और वो चरण की धूल होगा,
के जब सब धू-धू कर जलेगा,
कभी तो पावन दिन पसरेगा,
बाबा तुम विश्वास रखना ,
ये तपस्या पूर्ण होगी,
भ्रष्टाचार का दानव भी मरेगा,
इंद्र भी सुख चैन देगा,
बाबा तुम ना अटकना, बाबा तुम ना भटकना.
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